लिख दूँ इश्क़ या दर्द बहा दूँ, लब्ज़ों से अपने हर मर्ज़ बता दूँ। ऐ सनम कह के तो देख ए लिख दूँ इश्क़ या दर्द बहा दूँ, लब्ज़ों से अपने हर मर्ज़ बता दूँ। ऐ सनम कह ...
कौन जाने, पर बताते हो तुम्ही अपना पता। जान कर भी हम अनजाने भटकते हैं सर्वदा। कौन जाने, पर बताते हो तुम्ही अपना पता। जान कर भी हम अनजाने भटकते हैं सर्वदा।
तब वक्त के हाथों सौंप देना ही समझदारी है तब वक्त के हाथों सौंप देना ही समझदारी है
उसकी नाराज़गी मेरे लिये प्रलयकारी है उसका एक एक आँसू मुझ पर भारी है। उसकी नाराज़गी मेरे लिये प्रलयकारी है उसका एक एक आँसू मुझ पर भारी है।
रफ्तार फिर तेज होगी सांसों की तेरी, बहेकने लगेंगे नैनन तेरे होकर शराबी। रफ्तार फिर तेज होगी सांसों की तेरी, बहेकने लगेंगे नैनन तेरे होकर शराबी।
क्योंकि मेरी रूह को तलाश है तेरी रूह की..!! क्योंकि मेरी रूह को तलाश है तेरी रूह की..!!